मंगलवार, 31 मई 2022

घटती यौन क्षमता एक गंभीर समस्या - Decreased sexual ability is a serious problem

आपकी यौन क्षमता को दोगुना बढ़ा सकते हैं ये आहार अगर आप अपनी यौन क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं, तो अब आपको कोई दवाई लेने की जरुरत नहीं है। आज हम आपको वियाग्रा से बेहतर और असरदार आहार बताएंगे, जिनके नियमित सेवन से आप अपनी यौन क्षमता को दोगुना बढ़ा सकते हैं। वियाग्रा और अन्य् तरह की दवाइयों के साइड इफेक्टअ की तमाम खबरें आती रहती हैं, लेकिन इन नेचुरल फूड के कोई बुरे प्रभाव नहीं होते शीघ्रपतन के इलाज के लिए प्राकृतिक तरीके नीचे दिये गए ये सभी आहार वयक्तिा की रक्तत वाहिकाओं में वियाग्रा जैसा असर पैदा करने की क्षमता रखते हैं। ये आपके अंदर यौन की क्षमताा को जमाने वाले हार्मोन्से जैसे testosterone को बढाने का काम करेंगे। ये आहार ना केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं का भी मूड बनाने में उतना ही कारगर हैं। इन्हें खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसी हरकतें करना लगता है। अब आइये जानते हैं कौन से हैं वे आहर, जो आपकी यौन छमता को कई गुना बढ़ा सकता है। (i) बादाम
बादाम दिल की सेहत के लिये अच्छेे माने जाते हैं। यह खून के दौरे को शरीर में बढ़ाए रखने का काम करते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं। इसलिये ये आपकी सेक्स लाइफ के लिये भी पौष्टिक माने जाते हैं। (ii) हरी सब्जियां
हरी सब्जियां जरूरी पौष्टिक तत्व, विटामिन और मिनरल्स से भरी होती हैं। केला , स्विस चार्ड, पालक और सरसों के साग में ऐसे कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो फर्टिलिटी और स्पर्म की क्वालिटी को बढ़ाते हैं। (iii) गाजर गाजर सिर्फ आंखों की रोशनी के लिए ही फायदेमंद नहीं होता। यह स्पर्म की क्वालिटी को बेहतर बनाकर पुरुषोंकी फर्टिलिटी को भी बढ़ाता है। गाजर से स्पर्म शक्तिशाली बनाता है,जिससे यह अंडाणु तक पहुंच पाता है। (iv) संतरा
संतरे में विटामिन सी पाया जाता है,जो कि एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है। इससे फर्टिलिटी और परफोर्मेंस में वृद्धि होती है। (v) स्ट्रॉबेरी स्ट्रॉबेरी एक स्वादिष्ट फल है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है और फर्टिलिटी को बढ़ने में मदद करता है। पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ने के लिए हर दिन करीब 90 ग्राम विटामिन की जरूरत होती है। (vi) कार्न (मकई) कार्न यानी मकई के दानों में पोटैशियम, मैगनीशियम और आयरन होता है। इन्हें नियमित रूप से खाएं। (vii) हरी मिर्च मिर्च की वजह से बढ़े खून का प्रवाह लोगों के मूड को बनाने में काम आता है। साथ ही यह पुरुषों को हरी मिर्च पोस्‍ट्रेट कैंसर के खतरे से बचाती है। (viii) केला केले में काफी सारा पोटैशियम और मैगनीश्यिम होता है जो यौन क्षमता को बढ़ाने का दोगुना काम करता है। (ix) अदरक इसके सेवन से दिल की धड़कन बढ़ती है, खून का प्रवाह तेज होता है जिससे उत्तेजना बढ़ती है।रात को बेड़ पर जाने से पहले अदरक वाला दूध पीना ना भूलें। (x) खजूर खजूर में विटामिन और मिनरल होता है, जैसे, पोटैशियम, आयरन और मैगनीशियम आदि। (xi) सेब सेब दोनों ही पुरुष और महिला के लिये अच्छे माने जाते हैं क्योंकि यह आपका मूड बनाते हैं। (xii) चॉकलेट अपनी फ्रिज में हमेशा एक डार्क चॉकलेट रखा करें क्यों्कि चॉकलेट को सेक्स उत्प्रेरक के रूप में जाना जाता है। चॉकलेट में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो कि मस्तिष्क से लव हार्मोन के रिसाव को बढवाते हैं। आम तौर पर डार्क चाकलेट सेक्स की इच्छा को बढाता है। (xiii) छोटी इलायची छोटी इलायची न केवल एक प्रबल कामोद्दीपक मसाले के रूप में ही जानी जाती है, बल्कि यह उन पुरुषों के लिये भी फायदेमंद है जो नपुंसक हैं। (xiv) प्याज प्याज में ऐसे गुण होते है जो शरीर में यौन समस्या ओं को दूर कर देता है। हरा और सामान्य, दोनों ही प्रकार के प्या्ज फायदेमंद होते है। हरी प्यााज के बीज को एक गिलास पानी में घोलकर पी जाएं। इसे भोजन करने से पहले लें, इससे शरीर में ताकत आती है। कच्चा प्याज ज्यादा खाएं। (xv) लहसुन यह शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने के साथ-साथ यौन क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसमें एक प्रकार का रसायन होता है जो यौन अंगों में रक्त के संचार को उन्नत करने में मदद करते है। लेकिन संतुलित मात्रा में लहसुन का सेवन करना चाहिए। (xvi) अनार यदि पुरुष और महिला रोज एक गिलास अनार का रस पियें, तो उनकी यौन क्षमता काफी बढ़ सकती है। यह जूस टेस्टा स्टे रॉन नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ाता है।

गुरुवार, 26 मई 2022

फिटकरी के औषधीय गुण- Medicinal properties of alum

फिटकरी के उपयोग
फिटकरी Fitkari – Alum का उपयोग हम लोग बरसों से देखते आए है। हमारे पिताजी या दादाजी फिटकरी को शेव करने के बाद दाढ़ी पर मलते थे। जिससे उनका चेहरा हमेशा दमकता हुआ और झुर्रियों रहित रहता था। ये फिटकरी का कमाल था। फिटकरी को अंग्रेजी में एलम alum कहते है। ये पोटेशियम एल्युमिनीयम सल्फेट है। फिटकरी में कई प्रकार के औषधीय गुण होते है। इसमें चोट लगने पर खून बहना बंद करने का विशेष गुण होता है तथा साथ ही ये एंटीसेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल की तरह काम करती है । इन्ही गुणों की वजह से इसे शेविंग के बाद दाढ़ी पर मलते है। आज भी गावों में यही परम्परा है। गंदे पानी में Fitkari डालने से पानी की गंदगी अलग हो जाती है। ये सामान्य उपयोग लगभग सभी जानते है। लेकिन इसके गुण यहीं तक सीमित नहीं हैं । इसके उपयोग और घरेलू उपचार बहुत से होते है जिनमे खास उपयोग जो रोजाना की जिंदगी में आपके बहुत काम आ सकते है , यहाँ दिए गए है। फिटकरी के फायदे व उपयोग — पनीर बनाने के लिए दूध को पिसी हुई Fitkari डालकर फाड़ें । इस प्रकार बना हुआ पनीर अधिक स्वादिष्ट व मुलायम बनता है। — पशु पक्षी आदि को लगी चोट में Fitkari फायदेमंद होती है। पतंग के मांझे से घायल पक्षी को लगी चोट फिटकरी घुले पानी से धोएँ। ये पानी उसे थोड़ा सा पिला दें। इससे पक्षी जल्दी ठीक हो जाएगा। इसी प्रकार पशु को लगी चोट भी ठीक हो सकती है। — गर्म पानी में फिटकरी और नमक मिलाकर गरारे व कुल्ला करने से गले की खराश , मुंह की बदबू आदि ठीक हो जाते है। — मसूड़ों से खून आता हो तो Fitkari घुले पानी के कुल्ला करने से ठीक होता है। — चेहरे की झुर्रियाँ मिटाने के लिए Fitkari के टुकड़े को पानी में डुबोकर चेहरे पर हल्के हाथ से मलें। सूखने पर सादा पानी से धो लें। कुछ ही दिन में झुर्रियां मिट जाएँगी। — यदि जहरीला कीड़ा या बिच्छू काट ले तो पानी में Fitkari का पाउडर डालकर गाढ़ा घोल बनाकर लगाने से आराम मिलता है। — दांत में दर्द हो तो फिटकरी और काली मिर्च बराबर मात्रा में पीस कर इसे लगाएं। इससे दर्द कम हो जाता है। — शरीर पर लगी छोटी चोट से खून बह रहा हो तो फिटकरि का पाउडर चोट पर छिड़कने से खून रिसना बंद हो जाता है। — सिर में जुएँ हो गई हों तो फिटकरी मिले पानी से कुछ दिन सिर धोने से जुएँ खत्म हो जाएँगी। — बवासीर में फिटकरी का पाउडर मक्खन में मिलाकर मस्सों पर लगाएं ,लाभ होगा। Fitkari मिले पानी से गुदा को भी चार पांच बार धोएँ। एक टब में Fitkari मिला हुआ गुनगुना पानी भर लें। इसमें बैठ कर सिकाई करने से बवासीर में आराम मिलता है। ये उपाय करने से खूनी बवासीर भी ठीक हो जाते है। — नकसीर आने पर फिटकरी के गाढ़े घोल ( पानी में ) में रुई डुबोकर नाक में लगाने से नकसीर बंद हो जाती है। इस घोल की दो-दो बूंद नाक में डालने से भी नकसीर बंद होती है। — सूखी खांसी , कफ वाली खांसी या दमा की शिकायत हो तो फिटकरी को पीस कर तवे पर भून लें।इस भुनी फिटकरी में दुगनी मात्रा पिसी हुई मिश्री मिला दें। ये मिश्रण आधा चम्मच सुबह शाम कुछ दिन लेने से बहुत लाभ होगा। — दस्त होने पर बेल के जूस में दो चुटकी फिटकरी मिलाकर पीने से दस्त बंद हो जाते है। — घाव के लिए फिटकरी को भूनकर पीसकर घी में मिला लें। इसे घाव पर लगाने से घाव मिट जाता है। — सर्दी के मौसम में हाथ पैरों में सूजन व जलन हो तो गर्म पानी में फिटकरी घोलकर इससे दिन में दो तीन बार धोएँ। आराम मिलेगा। — महिलाओं को श्वेत प्रदर या गुप्तांग में खुजली , जलन आदि हो तो ऐसे में फिटकरी घुले पानी से योनि को दिन में तीन चार बार धोने से बहुत आराम मिलता है। योनि में यदि ढीलापन हो तो वो खत्म होता है। फिटकरी से योनि टाइट हो जाती है। — पुरुषों के लिंग पर होने वाली फुंसी या बदबू आदि फिटकरि घुले पानी से लिंगमुंड को धोने से ठीक हो जाते है। लिंग की सफाई ना होने से आँख में फुंसी हो सकती है। — यदि पसीना ज्यादा आता हो तो नहाने के पानी में फिटकरि घोलकर नहाएँ। पसीना आना कम हो जाएगा। शरीर से बदबू आती हो तो भी मिट जाएगी। — बुखार होने पर आधा चम्मच सौंफ के पाउडर में दो चुटकी पिसी फिटकरि मिलाकर बताशे के साथ खाने से बुखार उतर जाता है।

गर्मियों में त्वचा की देखभाल- Skin care in summer season

*गर्मियों में इन उपायों से करें त्वचा की देखभाल* *गर्मी में सनबर्न और सांवली त्वचा से बचाव में कारगर हैं यह उपाय*
*गर्मियां आते ही स्किन टोन डार्क हो जाती है. धूप, धूल और गर्मी के कारण सिर्फ स्किन टोन ही नहीं डार्क होती. बल्कि त्वचा की और परेशानियां भी शुरू हो जाती हैं. मसलन, दानें, मुंहासे, ब्लैक पैच आदि. ऐसे में गर्मियों में त्वचा की देखभाल और भी जरूरी हो जाती है. कुछ आसान टिप्स जो कि इन गर्मियों में त्वचा की सुरक्षा करेगी*. 1. *खूब सारा पानी पिएं* : खूबसूरत त्वचा के लिए जरूरी है कि आप दिन में कम से कम छह से सात ग्लास पानी पिएं. इससे आपका पेट साफ रहेगा और त्वचा टोन रहेगी. 2. *सनग्लास* : धूप में सनग्लास के बिना ना निकलें. हानिकारक यूवी लाइट के कारण आंखों के किनारे झुर्रियां आ सकती हैं. इसलिए जब भी धूप में निकलें, सनग्लास पहनकर ही निकलें. 3. *सनस्क्रीन* : सनग्लास के अलावा धूप में निकलने से पहले 30 SPF वाला सनस्क्री न का इस्तेमाल करें. लेकिन ध्यान रहे कि इसे घर से निकलने के 15 मिनट पहले लगाना होता है. सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद धूप में ना निकलें. दिन में तीन बार सनस्क्रीन लगाएं. 4. *कपड़ों का चुनाव समझदारी से* : गर्मी में खूब सारा कपड़ा पहनना तो संभव नहीं होता. लेकिन आप कुछ ऐसा पहनकर बाहर निकलें जिससे ज्यादा से ज्यादा शरीर ढका रहे. ढीले कपड़े पहने, जिससे पसीना रुके ना और मुंहासे ना हों. चेहरे को ढकने के लिए हैट पहने और स्कार्फ का इस्तेमाल करें. 5. *गुनगुना पानी और दूध*: एक टब में गुनगुना पानी लें और उसमें छह कप दूध मिलाएं, इसमें पैर को डुबोकर रखें. यह करने से शरीर का तापमान कम होगा और त्वचा मुलायक होगी. 6. *समझदारी से चुने स्किन प्रोडक्ट* : टीवी में ऐड देखकर या किसी के सलाह पर अपनी त्वचा के साथ एक्सपेरिमेंट ना करें. नया स्किन प्रोडक्ट आजमाने से पहले अपनी त्वचा के बारे में जान लें. इसमें कोई त्वचा विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकता है. आप त्वचा विशेषज्ञों के पास जाकर गर्मियों में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट्स को जान लें. बदलते मौसम के साथ प्रोडक्ट्स को बदलने की भी जरूरत होती है. 7. *एंटीऑक्सीडेंट लोशन*: अगर धूप के कारण सनबर्न हो गया है तो सनबर्न स्किोन के लिए एंटीऑक्सीडेंट वाले हल्के लोशन का इस्तेमाल करें. इसके इस्तेमाल से त्वचा ठीक होगी.

सोमवार, 23 मई 2022

प्रोटीन की कमी से होती हैं ये समस्या-These problems are caused by lack of protein

प्रोटीन की कमी से भारत में लगभग 80% लोग ग्रस्त है एक सामान्य व्यक्ति को हर रोज खुद के वजन के अनुसार लगभग 1 ग्राम प्रति किलो प्रोटीन जरूरी होता है। यदि 50 किलो वजन है तो 50 ग्राम प्रोटीन रोजाना चाहिए। लेकिन इतना प्रोटीन शरीर को नहीं मिल पाता जिसके कारण कई प्रकार की शारीरिक परेशानी होने लगती है। प्रोटीन की कमी के कारण कमजोरी और थकान महसूस होती रहती है। प्रोटीन मांसपेशियों के लिए भी जरुरी है तथा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी तथा हार्मोन का बनना भी इन पर निर्भर होता है। हीमोग्लोबिन बनने में भी इसकी विशेष भूमिका होती है। विशेषज्ञों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेने से मोटापा , डायबिटीज और ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी काबू में रह सकती है।
हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल रहे हैं या नहीं यह नीचे दी गई समस्याओं और संकेतों से पता चल सकता है। *प्रोटीन की कमी के लक्षण* मीठा खाने की तीव्र इच्छा मिठाई , चॉकलेट , टॉफी , पेस्ट्री या चिप्स आदि खाने के तीव्र इच्छा होती है तो इसका मतलब आपके रक्त का शुगर लेवल स्थिर नहीं है। यह प्रोटीन की कमी के कारण हो सकता है। हालाँकि इस तरह की इच्छा के दूसरे कारण भी हो सकते है पर प्रोटीन की कमी और खून में शुगर का लेवल आपस में सम्बंध अवश्य रखते है। भोजन में प्रोटीन की भरपूर मात्रा जरूर बढ़ा कर देखें। *सिरदर्द* सिरदर्द के कई कारण होते है। प्रोटीन की कमी भी सिरदर्द का कारण हो सकती है। प्रोटीन की कमी से होने वाले सिरदर्द का कारण एनीमिया या रक्त में शुगर की कमी हो सकता है। दोनों ही स्थिति में प्रोटीन युक्त खाना बढ़ाने से लाभ मिल सकता है। *बेहोशी* प्रोटीन की कमी से रक्त में शुगर कम होने के कारण कभी कभी व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। पर्याप्त प्रोटीन के नही मिलने पर शरीर मांसपेशियों के टिशू को तोड़कर पोषक तत्व खींचने लगता है। यह भी बेहोशी का एक कारण हो सकता है। यदि बहुत थकान रहती है और बेहोश भी हो जाते हों तो प्रोटीन पर ध्यान जरूर देना चाहिए। *बालों का गिरना* यदि आपको लगे की आपके बाल या पतले होते जा रहे हैं या नहाते वक्त या कंघी करते समय झड़ रहे है तो हो सकता है की आपको प्रोटीन की कमी हो रही हो। बाल मुख्यतः एक विशेष प्रकार के प्रोटीन केराटिन से बने होते है। जब शरीर में प्रोटीन कम पहुंचता है तो शरीर दूसरे जरुरी काम जैसे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए पहले काम में लिया जाता है। इसलिए प्रोटीन की कमी का पहला संकेत बालों के गिरने से मिलता है। हालाँकि बाल गिरने के दूसरे कारण जैसे आयरन की कमी आदि भी हो सकते है। *चोट सामान्य से अधिक समय में ठीक होती हो* जब चोट लगती है तो शरीर को नए टिशू बनाने के लिए अधिक मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यदि घाव के भरने में सामान्य से अधिक समय लगता महसूस होता हो तो यह प्रोटीन की कमी दर्शाता है। चाहे कट गया हो , खरोंच आई हो या नील पड़ी हो या मोच आ गई हो या ज्यादा गंभीर चोट हो। इनका देर से ठीक होना का कारण प्रोटीन की कमी हो सकता है। *डिप्रेशन , चिन्ता* प्रोटीन से एमिनो एसिड बनते है। एमिनो एसिड से कई महत्त्वपूर्ण तत्व का निर्माण होता है जिसमे न्यूरो ट्रांसमीटर भी शामिल है। ये न्यूरोट्रांसमीटर दिमाग के लिए तथा तंत्रिका तंत्र के लिए आवश्यक होते है जो मनस्थिति को भी प्रभावित करते है। यदि आपको उचित मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलते तो मन को खुश रखने वाले तत्व जैसे सेरोटोनिन की कमी हो जाती है जिसके कारण डिप्रेशन , दुखी मन , चिंता आदि हावी हो जाते है। यदि आपका मन दुखी दुखी रहता है तो देखें कही आप प्रोटीन की कमी के शिकार तो नहीं। *नाख़ून पर लकीरें* प्रोटीन की कमी के कारण हाथ पैरों के नाख़ून पर लकीरें पड़ सकती है। अतः यदि नाख़ून पर लकीरें दिखाई दें तो सावधान हो जाइये और देखिये आप कितना प्रोटीन ले रहे हैं। *नींद नहीं आना* प्रोटीन की कमी के कारण सेरोटोनिन की कमी हो सकती है। इसकी कमी होने से नींद नहीं आने की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए यदि नींद बहुत मुश्किल से आती हो तो प्रोटीन युक्त आहार बढ़ा कर देखें। आपकी समस्या का समाधान हो सकता है। *प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई हो* प्रोटीन प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखने में मदद करते है। त्वचा तथा श्लेष्मा झिल्ली बाहरी संक्रमण को रोकने में प्रोटीन का इस्तेमाल करते है। प्रोटीन की मदद से ही शरीर में ऐंटीबॉडी तथा अन्य कई प्रकार के तत्व बनते है जो बाहरी आक्रमण से लड़कर उनसे हमारे शरीर की रक्षा करते है। अतः यदि आपको बार बार इन्फेक्शन या सर्दी जुकाम आदि हो जाते है तो हो सकता है कि आप प्रोटीन कम मात्रा में ले रहे हो। प्रतिरोधक क्षमता में कमी के अन्य कारण जैसे विटामिन D या जिंक की कमी भी हो सकते है। *पैरों में सूजन* प्रोटीन की कमी के कारण सूजन आ सकती है, खासकर पैरों में । क्योकि शरीर में खून का जाना और खून का वापस लौटना प्रोटीन की मदद से ही सही प्रकार से हो पाता है । यदि प्रोटीन की कमी होती है तो टिशू में गया हुआ खून पूरी तरह वापस नहीं लौट पाता इस कारण से सूजन आ जाती है। अतः टखने में या पैरों में सूजन आती हो तो प्रोटीन की कमी हो सकती है। *प्रोटीन की कमी कैसे दूर करें* भोजन में अधिक प्रोटीन वाली चीजें शामिल करें। दूध , पनीर , दही , दाल , राजमा , सोयाबीन , मसूर , फलियाँ , बादाम , पिस्ता , काजू आदि मेवे , मूंगफली , मक्का , गेहूँ आदि अंकुरित अनाज तथा सब्जियाँ आदि पर्याप्त मात्रा में अपने भोजन में शामिल करें। *एक पुरुष को लगभग 56 ग्राम और महिला को 46 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

शुक्रवार, 20 मई 2022

तुलसी की पत्ती के फायदे- Benefits of basil leaves

तुलसी के पत्ते करे अचूक फायदे तुलसी की पत्तियों को इंग्लिश में Basil leaves कहा जाता है।
ये जानकर आपको गर्व होगा कि पवित्र तुलसी पूर्णतः भारतीय पौधा है, इसकी उत्पत्ति भारत में ही हुई है। भारत से ही तुलसी की ये प्रजाति (Holy Basil) दुनिया भर में फैली है। *तुलसी की पत्ती के फायदे* सुबह के समय खाली पेट तुलसी पत्ती खाने के फायदे इस प्रकार हैं :- • एंटीओक्सिडेंट से भरपूर तुलसी शरीर को स्वस्थ रखे • शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ाये • यौन शक्ति और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाये • दिमागी परेशानियों जैसे तनाव, निराशा, अवसाद कम करे और मूड ठीक करे • शरीर का स्टैमिना यानि दमख़म बढ़ाये • सर्दी-जुकाम, खांसी जैसे मौसमी रोगों को ठीक करे • पाचन तन्त्र ठीक करे और मेटाबोलिज्म तेज करे • बढती उम्र के असर कम करे • एयर ट्रेवल से होने वाले जेट लैग से राहत • तुलसी तंत्रिका तन्त्र को मजबूत करता है *तुलसी के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए?* तुलसी के 3-4 पत्ते चाय में मिलाकर पीना या तुलसी के पत्ते उबालकर पीना तुलसी सेवन का आसान तरीका है। एक (Adult) व्यस्क व्यक्ति 1 दिन में 1,100mg से 5,500mg तुलसी का प्रयोग कर सकता है, मतलब 1-1.5 चम्मच तुलसी का रस लेना पर्याप्त है। भारत में मुख्यतः हरी और काली तुलसी सबसे ज्यादा प्रयोग होती है। पूजा में प्रयोग होने वाली इस हरी तुलसी को Holy Basil कहा जाता है। भारतीय तुलसी की पत्तियां छोटी होती हैं और स्वाद तेज होता है। भारत में 5,000 सालों से तुलसी के फायदे का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में होता रहा है। आयुर्वेद में तुलसी को Queen of herbs यानि सभी जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है। कहा गया है कि तुलसी के पत्ते बहुत चबाकर नहीं खाना चाहिए बल्कि दांतों से थोड़ा कूचकर निगल लेना चाहिए, इससे ज्यादा फायदा होता है। आयुर्वेद का महत्वपूर्ण ग्रन्थ चरक संहिता 1,000 ईसा पूर्व लिखा गया था। उस चरक संहिता में तुलसी को अतुलनीय कहा गया है। मतलब तुलसी के गुण अद्भुत हैं और इसकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती। इसे आध्यात्मिक उन्नति में सहायक कहा गया। 1)तुलसी की पत्तियाँ बुखार, जुकाम, सर्दी लगना, बलगम आना, खांसी, सिरदर्द, अस्थमा, पेट के कीड़े के लिए रामबाण इलाज माना जाता है। इसके अलावा ये हार्ट रोग, गठिया, पेट की एसिडिटी, आंख के रोग, कानदर्द, अनिद्रा, टीबी में भी फायदेमंद हैं। *तुलसी का बीज खाने से क्या फायदा*? 2) तुलसी के बीज यौन रोग (Sex problems) के इलाज में अच्छा असर करती हैं। इसके लिए 5 ग्राम तुलसी के बीज (Tulsi seeds) रात को हल्के गर्म दूध के साथ लें। यह उपाय नपुंसकता, शीघ्रपतन ठीक करके और स्टैमिना बढ़ाता है। 3) तुलसी में विटामिन A, विटामिन C, जिंक, आयरन, कैल्शियम, क्लोरोफिल व खनिज तत्व पाए जाते हैं। *तुलसी की पत्ती दिमाग के लिए* 1) आजकल तुलसी के Adaptogen गुण का बहुत प्रचार हो रहा है. आप जानते हैं कि मानसिक समस्यायें (Mental problems) हमारे जीवन का हिस्सा बन गयी हैं. लगभग हर कोई किसी न किसी तरह की टेंशन से ग्रस्त है. तुलसी के Adaptogen इससे राहत पाने का बेहतरीन इलाज हैं. तुलसी के पूरे पौधे में Adaptogen पाए जाते है. ये एडाप्टोजन दिमाग को स्ट्रेस से राहत दिलाते है और दिमागी बैलेंस बनाते हैं. तुलसी इमोशनल, शारीरिक, इन्फेक्शन और केमिकल से होने वाले तनाव से मुक्ति दिलाने में सक्षम है. 2) तुलसी सत्व के रोजाना सेवन से लोगों ने खुद में स्ट्रेस, उलझन, बेचैनी और निराशा कम होना महसूस किया। 3) तुलसी (Basil leaf) दिमाग को डिप्रेशन, तनाव और घबराहट से राहत दिलाती है। तुलसी दिमाग के ऐसे न्यूरोट्रांसमीटर्स को एक्टिव करती है जोकि दिमाग में ख़ुशी और नई उर्जा के हार्मोन को एक्टिवेट करता है। 4) साइंटिस्ट ने देखा कि तुलसी की पत्तियों से बना Extract (सत्व) Anti-depressant और Diazepam दवाइयों के बराबर असर करने में कामयाब है वो भी बिना साइड-इफ़ेक्ट के। तुलसी की पत्तियाँ (Basil leaves), तुलसी के बीज, तुलसी का तेल ये तीन चीजें मुख्यतः उपचार में प्रयोग की जाती हैं. • तुलसी के ताजे फूल ब्रोंकाइटिस के इलाज में • तुलसी की पत्तियों और तुलसी बीज को काली मिर्च के साथ मलेरिया के इलाज में • तुलसी डायरिया, उलटी या जी मिचलाना के उपचार में • कीड़े-मकोड़े काटने पर तुलसी का तेल लगाने से राहत मिलती है.

गुरुवार, 19 मई 2022

सहजन एक आवश्यक औषधि-Drumstick is an essential medicine

*सहजन की पत्ती, फली, फूल खाने के फायदे* सहजन एक आवश्यक औषधि-Drumstick is an essential medicine सहजन के फायदे – सहजन की पत्ती के 100 ग्राम पाउडर में दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और पालक से 25 गुना अधिक आयरन होता है। इसमें गाजर से 10 गुना अधिक बीटा-कैरोटीन होता है, जोकि आँखों, स्किन और रोगप्रतिरोधक तंत्र के लिए बहुत लाभदायक है। सहजन में केले से 3 गुना अधिक पोटैशियम और संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन C होता है। सहजन लम्बी फली वाली एक सब्जी का पेड़ है जोकि भारत और दुनिया भर में उगाया जाता है। विज्ञान ने प्रमाणित किया है कि इस पेड़ का हर अंग स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। ज्यादातर भारतीय इससे सहजन की सब्जी, सांभर व अन्य भोजन बनाने में करते हैं। *सहजन की पत्ती के फायदे* सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। सहजन की पत्ती प्रोटीन का भी बेहतरीन स्रोत हैं। एक कप ताजी पत्तियों में 2 ग्राम प्रोटीन होता है। सहजन के पत्ते से मिला प्रोटीन किसी भी प्रकार से मांसाहारी स्रोतों से मिले प्रोटीन से कम नहीं है क्योंकि इसमें सभी आवश्यक एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं। 1) *इम्यूनिटी यानि रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाए* – सहजन की फली और पत्ती में विटामिन C, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सहजन में एंटीओक्सिडेंट, बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड होते हैं। यह रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाकर अक्सर मौसम के असर से होने वाले सर्दी-जुकाम होने से रोकता है। यहाँ तक कि एड्स के रोगियों को दी जाने वाली Anti-Retroviral therapy के साथ यह हर्बल सप्लीमेंट के रूप में दिया जाता है। 2) *सहजन कैसे खायें* – सहजन की सब्जी खाना, सहजन की फली या पत्ती का सूप पीना, दाल में सहजन की पत्ती मिलाकर बनाकर सेवन करना सबसे मुख्य तरीके हैं। आप सहजन की पत्ती का पाउडर सुबह सेवन कर सकते हैं या पत्ती उबाल कर उसका पानी पियें। इन उपाय से सेहत अच्छी होती है, शरीर को ढेरों पोषक तत्व मिलते हैं, बदलते मौसम के असर से बचाव होता है। 3) *सहजन खाने के फायदे पेट के लिए* – पेट की समस्याओं के लिए सहजन कारगर है। सहजन हल्का रेचक है, अतः यह पेट साफ करता है। फाइबर की वजह से यह कब्ज दूर करता है। पेट के कीड़े और जीवाणुओं से भी सहजन मुक्ति दिलाता है। सहजन की जड़ का पाउडर पेट में पाए जाने वाले राउंड वर्म (Helminth worms) को खत्म करता है। 4) *वजन घटाने में सहजन के फायदे* सहजन में डाईयूरेटिक गुण होते हैं जोकि शरीर की कोशिकाओं में अनावश्यक जल को कम करता है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटोरी गुण शरीर की सूजन कम करते हैं। फाइबर से भरपूर सहजन शरीर में फैट अवशोषण (fat absorption) कम करता है। सहजन इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम करके अनावश्यक फैट जमने को रोकता है। 5) *गर्भावस्था (Pregnant) में सहजन खाने के फायदे* सहजन में पाए जाने वाले भरपूर विटामिन, मिनेरल्स जैसे पोषक तत्व गर्भवती औरत का स्वास्थ्य अच्छा करता है। सहजन का सेवन प्रेग्नन्ट औरत को कमजोरी व होने वाले बच्चे को कुपोषण से बचाता है। यह सस्ता, आसान सा उपाय अमीर-गरीब हर कोई अपना सकता है और ये असरदार भी है। दूध पिलाने वाली माताओं के लिए सहजन बहुत बढ़िया है। सहजन की पत्ती को घी में गर्म करके प्रसूता स्त्री को दिए जाने का पुराना रिवाज है। इससे दूध की कमी नहीं होती और जन्म के बाद की कमजोरियों जैसे थकान आदि का भी निवारण होता है। बच्चे का स्वास्थ्य सही रहता है और वजन भी बढ़ता है। सहजन में पाए जाने वाला पर्याप्त कैल्शियम किसी कैल्शियम सप्लीमेंट से कई गुना अच्छा है। 6) *थायराइड में सहजन खाने के फायदे* – थाइरॉइड रोगी को सहजन जरूर खाना चाहिए। जिनकी थाइरोइड ग्लैंड अधिक सक्रिय होती है, वे सहजन खाते है तो बढ़ा हुआ थाइरोइड स्राव कम होने लगता है। थाइरोइड रोग की दो कंडीशन Grave’s disease और Hashimoto’s disease दोनों के लिए सहजन का सेवन रोग मुक्ति दिलाता है। द 7) *बालों के लिए सहजन के फायदे* सहजन (मोरिंगा) एक बढ़िया हेयर टॉनिक है। सहजन का जिंक, विटामिन और एमिनो एसिड्स मिलकर केराटिन बनाते हैं, जोकि बालों के ग्रोथ लिए बहुत आवश्यक है। सहजन की फली में मिलने वाले बीज में एक खास तेल होता है जिसे Ben oil कहते हैं। यह तेल बालों लम्बे, घने करता है और डैंड्रफ, बाल झड़ने की परेशानी दूर करता है। इसलिए सहजन की सब्जी खाएं, सूप पियें या सहजन की पत्ती के पाउडर का सेवन करें। 8) *सहजन के फायदे स्किन के लिए* कई स्किन रोगों में सहजन का उपयोग करके लाभ उठा सकते हैं। सहजन का तेल सोरायसिस, एक्जिमा रोग में लगायें, फायदा होगा। Sahjan ki fali के बीजों का यह तेल यानि Ben oil को Acne, Blackheads समस्या में चेहरे पर लगायें। इसका क्लींजिंग और एंटीसेप्टिक गुण इन्हें खत्म करता है। स्किन के लिए उपयोगी विटामिनों, एंटीओक्सिडेंट गुणों से भरपूर यह तेल चेहरे की झुर्रियाँ और महीन लकीरें दूर करता है। 9) *सहजन किडनी स्टोन समस्या के लिए* – किडनी में स्टोन (पथरी) की समस्या में सहजन कारगर है। यह किडनी में जमे अनावश्यक कैल्शियम को शरीर से बाहर निकालता है। इससे स्टोन नहीं बनने पाता और यह किडनी स्टोन से होने वाले दर्द और जलन को भी कम करता है। 10) *कोलेस्टेरॉल और शुगर लेवल घटाए* सहजन ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल लेवल संतुलित करता है। ये हाई ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने की वजह से यह ह्रदय के लिए अच्छा है। 11) *सहजन के एंटीऑक्सीडेंट का कमाल* सहजन के एंटी ओक्सिडेंट शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। न्यूट्रीशनल गुणों से भरपूर सहजन एनर्जी की कमी पूरी करता है और जल्दी थकान नहीं होने देता। सहजन में पाए जाने वाले बेहतरीन एमिनो एसिड्स नए टिश्यूस बनाते हैं, अतः यह शरीर के विकास के लिए लाजवाब है। 12) *कैंसर से बचाए सहजन* सहजन कैंसर प्रतिरोधी है। इसके एंटी ओक्सिडेंट, Kaempferol, Quercetin, Rhamnetin तत्व एंटी-कैंसर होते हैं। यह स्किन, लीवर, फेफड़े और गर्भाशय के कैंसर होने से सुरक्षा करता है। 13) *सहजन खाने के फायदे दिमाग के लिए* दिमागी स्वास्थ्य के लिए सहजन लाजवाब है। सहजन डिप्रेशन, बेचैनी, थकान, भूलने की बीमारी, अनिद्रा ठीक करता है। 14) *हृदय रोग, मेटाबोलिक डिसऑर्डर जैसे डायबिटीज* , इन्सुलिन रेजिस्टेंस आदि की वजह से होनी वाली जलन और सूजन से सहजन राहत दिलाता है। सहजन की पत्ती के अतिरिक्त इसकी फली, फूल, बीज में भी यह गुण पाए जाते हैं। सहजन की सब्जी खाने से भी यह लाभ उठाये जा सकते है। 15) *सहजन का सेवन अस्थमा, हाइपरटेंशन*, Rheumatoid आर्थराइटिस, एनीमिया, आंत का अल्सर भी ठीक करता है और घाव जल्दी भरता है। 16) *सहजन के फूल के फायदे* सहजन के फूलों की चाय (Moringa flower tea) न्यूट्रीशनल गुणों से भरपूर होती है। ये चाय यूरिन इन्फेक्शन, सर्दी-जुकाम ठीक करती है। सहजन के फूल सलाद के रूप में भी खाए जाते हैं। सहजन के इतने फायदे हैं कि गिनती कम पड़ जाये।

रविवार, 26 जुलाई 2020

प्याज : एक कमाल की औषधि ;Onion: A Wonderful Medicine-

प्याज : एक कमाल की औषधि ;Onion: A Wonderful Medicine-
     प्याज एक कंद है। कुछ लोग इसे 'कांदा ' कहकर भी पुकारते हैं।   जैन धर्मावलंबी ,मथुरहा चौबे इसकी गंध तथा रात्रि को हानिकारक प्रभाव के कारण जीवनभर इसका उपयोग नहीं करते। 

    प्याज दो प्रकार की होती है - एक लाल और दूसरी सफेद। इनमें से अधिक औषधीय गुण वाली प्याज सफेद होती है। प्याज के डंठल तथा बीज सभी उपयोगी हैं।  इसके बीजो को करायल कहा जाता है। डंठलों में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है जिससे नेत्र रोगों व रतौंधी में लाभ होता है। 

   प्याज के सेवन में परेशानी का कारण है इसकी गंध।  परन्तु यदि प्याज खाने के बाद यदि सूखा धनिया खा लिया जाये तो इसकी गंध नहीं आती।  एक सीमित मात्रा में प्याज शारीरिक क्षमता में वृद्धि करती है जबकि अधिक मात्रा में सेवन से हानि पहुँचाती है।  प्याज को गरीबों की कस्तूरी कहा जाता है। 

प्याज के औषधीय प्रयोग -
            प्याज का उपयोग भारत में हजारों वर्षों से भोजन व चिकित्सा में होता आया है। वेदों, पुराणों और आयुर्वेद में इसका प्रचुरता से उल्लेख है। प्याज के अनगिनत फायदे हैं जिनमे से कुछ का वर्णन निम्न है 

हृदय रोग में -
         यदि 100 ग्राम प्याज के रस का प्रातः खाली पेट उपयोग किया जाये तो रक्त में कोलस्ट्रोल की मात्रा घटाकर नस-नाड़ियों में रक्त-प्रवाह को आसान बनाता है। 

रक्ताल्पता-
          प्याज का लौह तत्व सीधा ही हजम होकर रक्त-वृद्धि में सहायक होता है।  यदि प्याज का 50 ग्राम रस , आधा नींबू  और 20 ग्राम शहद मिलाकर प्रातः सेवन किया जाए तो रक्त का पानी में बदलना (थैलीसीमिया) पीलिया , रक्त की अशुद्धियाँ आदि में लाभ होता है।  

श्वास-दमा -
            प्रातः खाली पेट लगभग 30 ग्राम प्याज का रस तथा 30 ग्राम शहद मिलाकर पीने से श्वास रोगों तथा दमा में एक माह बाद ही बहुत लाभ होता है। 

दंत रोग-
      कच्ची प्याज को दाँतों से तीन मिनट तक चबाते रहने से साँस की दुर्गंध और दाँतों के अनेक रोग दूर हो जाते हैं। 

कान का दर्द -
           कान में दर्द होने पर दो तीन बून्द प्याज का रस हल्का गर्म करके डालने से लाभ होता है। यदि तुरंत लाभ चाहिए तो प्याज के गुनगुने  रस में चावल के दाने से भी कम मात्रा में अफीम मिलाकर  कान में डाल दें तुरंत दर्द बंद। 

हैजा , डायरिया -
       कैसी भी उग्र दशा हो दोपहर तीन बजे तक यह प्रयोग अवश्य कर लें - 50 ग्राम प्याज का रस , 50 ग्राम शहद , 5 ग्राम काला नमक और 10 ग्राम काली मिर्च पीसकर आधा लीटर पानी में शर्बत बना लें।  बार-बार इसकी खुराकें देते रहें। शाम 5 बजे के बाद यह प्रयोग भूलकर भी  न करें। शीघ्र ही उलटी दस्त बंद हो जायेंगे। 

कामशक्ति -
           सफेद प्याज को छीलकर बारीक काट लें और शुद्ध मक्खन में लाल होने तक तलें।  शहद मिलाकर रोज सुबह खाएं। 
दूसरा प्रयोग - उड़द की दाल का आटा प्याज के रस से सात दिन तक भिगोते रहें।  सातवें दिन इसे छाया में सुखाएँ। इसका खाली पेट सुबह को कुछ दिन तक नियमित सेवन करें।  इस प्रयोग से वृद्ध या नपुंसक  में भी काम-शक्ति ज्वार उठने लगेगा। 

पैरों में बिवाई होने पर -
          प्याज को पीसकर बिवाइयों में भर लें। इससे कुछ ही दिनों में बिवाई फटनी बंद हो जायेगी। 

जलन होने पर -
        शरीर में , हाथ -पैरों में जलन होने पर प्याज के रस में दही मिलाकर खाएं या दही में प्याज काटकर खाएं। 

स्वप्नदोष में -
           स्वप्नदोष की अधिकता में बीस ग्राम प्याज के रस में तीन ग्राम हल्दी चूर्ण तथा पाँच ग्राम शहद मिला लें। सुबह और शाम चाटें।  15 -20 दिन में ही समस्या समाप्त हो जाएगी। तेल ,  खटाई और नशीले पदार्थ न लें। 

शीघ्रपतन -
          शीघ्रपतन की समस्या में एक चम्मच सफेद प्याज का रस और एक चम्मच शहद प्रातः खाली पेट और शाम 5 बजे दोनों समय लें।  एक घंटे तक कुछ नहीं खाएं। 

खांसी में -
     कफयुक्त खांसी में एक प्याज का रस , तीन ग्राम लहसुन का रस , थोड़ा गर्म कर शहद मिलाकर दो तीन बार दिन में चाटें। 


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