आज के समय में चाय भारत का एक प्रमुख पेय बना हुआ है जबकि अंग्रेजों के भारत में आने से पहले चाय को कोई जानता तक नहीं था। आज भारत की चाय विश्व के बाजारों में अपना स्थान बनाये हुए है। आज के समय में चाय हर घर में अपनी पहचान बनाये हुए है , हालात यहाँ तक हैं की बालक हों या बूढ़े , बिना चाय पिए तो आँख तक नहीं खुलती। बिस्तर से उठो तो सामने चाय का प्याला होना जरूरी है और कुछ की हालत तो ऐसी की प्याले से काम नहीं चलता बल्कि एक बड़ा गिलास भरकर चाय चाहिए फिर चाहे दोपहर तक भोजन न मिले।
चाय की शुरुआती अवस्था में तो चाय बागानों के अंग्रेज मालिकों ने शहरों के प्रत्येक घर के हर सदस्य को एक-एक कप चाय सुबह और शाम दोनों वक्त मुफ्त में बाँटी थी। इसका परिणाम ये हुआ की अब ऐसा कोई व्यक्ति ही बचा हो जो चाय न पीता हो।
आपने चाय के नुकसान के बारे में तो जरूर सुना होगा। आज आप चाय के गुण और अवगुण से संबंधित एक दोहा जरूर पढ़ें -
" कफ काटन वायु हरण , धातुहीन तन क्षीण।
लहू को पानी करे , दो गुण अवगुण हैं तीन।।"
कफनाशक - चाय फेफड़ो में बना हुआ बलगम बाहर निकालती है। चाय का काढ़ा कफ बनने की प्रकृति का भी नाश करता है।
वायुहरण - चाय का काढ़ा आँतो में निर्मित वायु या गैस को बाहर धकेलने का कार्य भी कुशलता से करता है।
चाय के यही दो गुण विज्ञान -सम्मत हैं।
अब आप चाय के अवगुण देख लीजिये
धातुहीन - चाय असमायिक उत्तेजना उत्पन्न करती है साथ ही वीर्य धातु को पतला कर देती है।
तनक्षीण - धातु क्षीण होने से शरीर में कमजोरी आती है।
लहू का पतलापन -पोषक तत्वों का चाय में अभाव होने से रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा घटती है। जिससे रक्त पतला होता जाता है।
निद्रानाशक -यदि नींद के झोंके के कारण आपके कार्य में बाधा पड़ रही हो तो चाय का एक कप पीने से आपके शरीर में चेतना व उत्तेजना का संचार हो जाता है।
मच्छर भगाने में -उबालने के बाद बची चाय की पत्तियों के साथ नींबू के पेड़ की पत्तियां समान मात्रा में सुखाकर जलाने से घर में एक भी मच्छर न टिकेगा।
मक्खियाँ भगाने में -उबालने के बाद बची चाय की पत्तियों को सुखाकर जलाने से इसके धुँए से घर में एक भी मक्खी घर में नहीं टिकेगी।
जलने पर -पानी, तेल या आग से जलने पर चाय की पत्तियों का काढ़ा बना कर ठंडा कर लें और इसे कपड़े में भिगोकर जले स्थान को ढक लें और दूसरे कपड़े से इस कपड़े को गीला करते रहे। इससे त्वचा की जलन भी शांत होगी घाव और निशान सब खत्म हो जायेंगे।
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