गुरुवार, 2 जुलाई 2020

Jaggery: an introduction ; गुड़ : एक परिचय



गुड़ : एक परिचय ; Jaggery: an introduction
                          
सदियों से गुड़ भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद की विरासत बना हुआ है।  शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां किसी न किसी रूप में गुड़ का प्रयोग न किया गया हो। भारतीय समाज में गुड़ को जो स्थान मिला हुआ था आज वो इस आधुनिकता और दिखावे ने छीन लिया और उसकी जगह शक़्कर या चीनी ने ले लिया। शक़्कर और गुड़ दोनों ही ऐसे पदार्थ हैं जिनका जन्म गन्ने के रस से हुआ है। दोनों का प्रयोग मिठास लाने के लिए किया जाता है परन्तु यदि दोनों के गुण की बात कहें तो शक़्कर या चीनी में अधिकतर कैमिकल का प्रयोग होता है जबकि गुड़ रासायनिक पदार्थो रहित होता है। गुड़ गन्ने के अलावा ताड़ और खजूर से भी बनाया जाता है 

            आहार चिकित्सकों और प्राकृतिक चिकित्सकों ने तो शक़्कर या चीनी को सफेद जहर घोषित कर दिया है अतः मिठास के रुप में गुड़ या शहद ही सर्वश्रेष्ठ हैं।  ग्रामीण समाज में तो आज भी गुड़ का ही प्रयोग किया जाता है दलिया , दही, लस्सी , शरबत , लड्डू और दूध में भी गुड़ का प्रयोग किया जाता है। 

गुड़ में शक़्कर की तुलना में सात गुना खनिज , दो गुना शर्करा और तीस गुना जल पाया जाता है। इसके खनिज लवणों में फास्फोरस , कैल्शियम तथा आयरन हैं।  कैल्शियम तथा फास्फोरस हड्डियों का निर्माण करते हैं जबकि आयरन एनीमिया रोग दूर करता है। 

आयुर्वेद में गुड़ का वर्णन :-
आयुर्वेद ने गुड़ को त्रिदोषनाशक बताया है। आयुर्वेद के अनुसार शुद्ध गुड़ वात और पित्त नाशक होता है जबकि अशुद्ध गुड़ मधुर, स्निग्ध ,मूत्र और रक्तशोधक है पित्त को पूरी तरह नष्ट नहीं करता जबकि वातनाशक है मेद और कफ बढ़ाने वाला है। 

गुड़ का महत्व -
  • गुड़ रक्त को बढ़ाकर रक्त की अम्लीयता दूर करता है जिससे त्वचा रोग और पेशाब संबंधी समस्या दूर होती है। 
  • गुड़ के प्रयोग से दांतों का इनेमल सुरक्षित रहता है। 
  • गुड़ विटामिन ए  और विटामिन बी की पूर्ति भी करता है। 
  • गुड़ महिलाओं में होने वाली खून की कमी की समस्या को दूर करता है। 
  • काले तिल और गुड़ के बने लड्डू कफ संबंधी रोगों को दूर करते हैं और इसके अलावा बिस्तर गीला करने वाले बच्चों के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं। 
  • गुड़ का उपयोग दमे और क्षय रोगियों के लिए लाभदायक है। 
  • भोजन के बाद थोड़ा सा गुड़ खाने से पाचन संबंधी समस्या दूर होती है गैस भी नहीं बनती। 
  • खांसी-जुकाम में गुड़ के साथ सोंफ और काली मिर्च का सेवन करने से लाभ मिलता है। 
  • बहुत जल्दी थकने वालो के लिए तो गुड़ एक टॉनिक की तरह कार्य करता है यह शरीर को ऊर्जा और शक्ति देता है। 
  • गुड़ और अदरक को मिलाकर एक साथ खाने पर यह जोड़ो के दर्द को दूर करता है। 
  • महिलाओं को प्रसब  के बाद गुड़ का प्रयोग कराया जाता है जिससे की उनकी बहुत सी समस्याएं दूर होती है। 

गुड़ के नुक्सान :-
                  अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करने से अपच, ब्लड शुगर का बढ़ना , वजन बढ़ना , इन्फेक्शन आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 

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